सजाकर दिल में हसरतों की महफ़िलें बेहिसाब, ख़ुद को ही आहत करते हो,
जो क़िस्मत में ही नहीं है यार तुम्हारे, तुम फ़क़त उसी की चाहत करते हो...!
Sajakar dil mein hasraton ki mahfilen behisab, khud ko hee aahat karte ho,
Jo kismat mein hee nahin hai yaar tumhare, tum faqat usi ki chahat karte ho...!
- हसरत - कामना, वासना, इच्छा, तमन्ना, अरमान
- आहत - ज़ख्मी, घायल, दुखी
- फ़क़त - सिर्फ़, केवल
- चाहत - चाह, प्रेम, इच्छा, लालसा, ख़्वाहिश, अभिलाषा, आरज़ू
- Article By. Dharm_Singh
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