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Mere malik shayari...

Mere_malik_shayari


ऐ मेरे "मालिक" मेरी इबादत में ऐसी क्या कमी रह गई,
जो तुझसे बेख़बर मेरा दर्द और आँखों की नमी रह गई !

Aye mere "malika" meri ibadat mein aisi kya kamee rah gai,
Jo tujhse bekhabar mera dard aur aankhon ki namee rah gai !



  • इबादत - पूजा, उपासना, आराधना, बंदगी, प्रार्थना
  • बेख़बर - अनजान, अनभिज्ञ, जिसकी ख़बर न हो

  • Article By. Dharm_Singh

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