ऐ मेरे "मालिक" मेरी इबादत में ऐसी क्या कमी रह गई,
जो तुझसे बेख़बर मेरा दर्द और आँखों की नमी रह गई !
Aye mere "malika" meri ibadat mein aisi kya kamee rah gai,
Jo tujhse bekhabar mera dard aur aankhon ki namee rah gai !
- इबादत - पूजा, उपासना, आराधना, बंदगी, प्रार्थना
- बेख़बर - अनजान, अनभिज्ञ, जिसकी ख़बर न हो
- Article By. Dharm_Singh
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