अल्फ़ाज़ों को रब मेरे तू रुबाई देदे,
जज़्बातों को समझे ऐसी लुगाई देदे,
मंज़ूर है मुझें तेरा हर ज़ुल्म-ओ-सितम,
फ़क़त ग़म-ए-तन्हाई से जुदाई देदे...!!
Alfaazon ko rab mere too rubai dede,
Jazbaaton ko samjhe aisi lugai dede,
Manzoor hai mujhe tera har zulm-o-sitam,
Faqat gum-e-tanhai se judai dede...!!
- अल्फ़ाज़ - शब्दसमूह, अर्थपूर्ण शब्द
- रुबाई - नज़्म, शायरी, चार पंक्तियों वाला छंद या पद्य रूप
- जज़्बात - भावनाएं, ख़यालात,विचार, जज्बे
- लुगाई - पत्नी, औरत, जोरू, बिन्दनी
- मंज़ूर - स्वीकृत, स्वीकार
- ज़ुल्म-ओ-सितम - अन्याय और अत्याचार
- फ़क़त - केवल, बस, सिर्फ
- ग़म-ए-तन्हाई - अकेलेपन का दुःख, तन्हाई का रंज
- जुदाई - जुदा या प्रथक होने की अवस्था, पृथकता, वियोग, बिछोह
- Article By. Dharm_Singh
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