समन्दर सी तासीर थी मेरी, फिर भी वो दरिया बन के मुझ में ना समा सके,
उम्मीद थी लबों की ख़ामोशी पढ़ लेंगें वो, जिन्हें हम लफ़्ज़ों में ना समझा सके !
Samndar see taseer thi meri, fir bhi woh dariya ban ke mujh mein naa samaa sake,
Ummid thi labon ki khamoshi padh lengen woh, jinhen hum lafzon mein naa samjha sake !
- तासीर - असर, प्रभाव, गुण
- दरिया - नदी
- लफ़्ज़ - सार्थक शब्द, बात
- Article By. Dharm_Singh
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