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Heart touching badnaam shayari...

Heart_touching_badnaam_shayari


जज़्बातों का मेरे यूँ सरे-राह क़त्ल-ए-आम कर गई,
ख़ुद बेवफ़ा होकर मेरी वफ़ा को बदनाम कर गई !

Jazbaaton ka mere yoon sare-raah qatl-e-aam kar gai,
khud bewafa hokar meri wafa ko badnaam kar gai !



  • Article By. Dharm_Singh

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1 टिप्पणियाँ

  1. ख़ुद से चलकर नहीं ये तर्ज़-ए-सुखन आया है
    पाँव दाबे हैं बुज़र्गों के तो फ़न आया है

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