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Talabgar shayari...

Talabgar_shayari


वो करके बेवफ़ाई हम से, वफ़ा का हमें गुनाहगार कर गई,
ख़ुद से बेज़ार करके, भरी जवानी में मौत का तलबगार कर गई !

Woh karke bewafai humse, wafa ka humen gunahgar kar gai,
Khud se bezar karke, bhari jawani mein maut ka talabgar kar gai !


  • बेज़ार - अप्रसन्न, खिन्न,नाराज़, नाख़ुश
  • तलबगार - इच्छुक, अभिलाषी, आरज़ू करना, माँगनेवाला

  • Article By. Dharm_Singh

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