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Romantic shayari...

Romantic_shayari


निग़ाहों ही निग़ाहों में गुफ़्तगू हो रही है और लब ख़ामोश हैं,
आरज़ू-ए-उल्फ़त में होकर बड़े बेक़रार दो परिंदें मदहोश हैं !

Nigahon hee nigahon mein guftgoo ho rahi hai aur lab khamosh hain,
Aarzoo-e-ulfat mein hokar bade beqarar do parinden madhosh hain !



  • गुफ़्तगू - बातचीत, वार्तालाप, आभाषण
  • आरज़ू-ए-उल्फ़त - प्यार की तमन्ना, चाहत की चाह

  • Article By. Dharm_Singh

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