Advertisement

Khiza shayari...

Khiza_shayari


मौसम-ए-बहार में गुल ख़िज़ा के खिल गये,
हमको ठुकराकर जब वो ग़ैरों से मिल गये !

Mausam-e-bahaar mein gul khiza ke khil gaye,
Humko thukrakar jab woh gairon se mil gaye !



  • मौसम-ए-बहार - बहार के मौसम, बहारों का मौसम
  • गुल - फूल, पुष्प
  • ख़िज़ा - पतझड़, पतन, बुढ़ापा, आख़िरी उम्र

  • Article By. Dharm_Singh

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ