"ख़ुदा करे"... कभी किसी पर ना ऐसी शामत आये,
दिन जवानी के हो और उल्फ़त में ग़म-ए-फ़ुर्क़त आये !
"Khuda kare"... kabhi kisi par naa aisi shaamat aaye,
Din jawani ke ho aur ulfat mein gum-e-furqat aaye !
- शामत - क़यामत, मुसीबत, परेशानी, संकट, विपत्ति, दुर्भाग्य
- उल्फ़त - प्यार, प्रेम, इश्क़, प्रीति, दोस्ती, मित्रता, याराना
- ग़म-ए-फ़ुर्क़त - जुदाई का दर्द, विरह का दुःख, जुदा होने का ग़म
- Article By. Dharm_Singh
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