ज़िन्दगी जीते जी फिर जहन्नुम बन जाती है,
अपनी धुन जब ग़ैरों की तरन्नुम बन जाती है !
Zindagi jeete jee fir jahnnum ban jaati hai,
Apni dhun jab gairon ki tarnnum ban jaati hai !
- जहन्नुम - नरक, दोज़ख
- धुन - मन की तरंग, मौज, विचार, किसी कार्य में लीं होने की प्रवृति
- तरन्नुम - राग, अत्यन्त मधुर स्वर, लय
- Article By. Dharm_Singh
0 टिप्पणियाँ