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Dhun shayari...

Dhun_shayari


ज़िन्दगी जीते जी फिर जहन्नुम बन जाती है,
अपनी धुन जब ग़ैरों की तरन्नुम बन जाती है !

Zindagi jeete jee fir jahnnum ban jaati hai,
Apni dhun jab gairon ki tarnnum ban jaati hai !


  • जहन्नुम - नरक, दोज़ख
  • धुन - मन की तरंग, मौज, विचार, किसी कार्य में लीं होने की प्रवृति
  • तरन्नुम - राग, अत्यन्त मधुर स्वर, लय

  • Article By. Dharm_Singh

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