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Tamanna shayari...

Tamanna_shayari


हर तमन्ना दिल से मेरे फ़िर ख़ुद-ब-ख़ुद रुख़सत हो गई,
मुझसे ज़्यादा उस बेमुरव्वत को जब ग़ैरों की ज़रूरत हो गई !

Har tamanna dil se mere fir khud-b-khud rukhsat ho gai,
mujhse zyada us bemuravvat ko jab gairon ki zarurat ho gai !



  • तमन्ना - कामना, इच्छा, ख्वाहिश, अभिलाषा, आकांक्षा
  • ख़ुद-ब-ख़ुद - अपने आप, स्वत:
  • रुख़सत - विदा होने का भाव, प्रस्थान, रवानगी, मर जाना
  • बेमुरव्वत - जिसमें शील संकोच न हो, बेरहम, निष्ठुर

  • Article By. Dharm_Singh

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