दिल्लगी करके दिल लगाना भूल गया,
वादे पर वादे करके निभाना भूल गया,
वो हुआ रुखसत हमसे कुछ इस क़दर,
कि लौटकर वापस आना भूल गया...!!
Dillgi karke dil lagana bhool gayaa,
vaade par vaade karke nibhana bhool gayaa,
Woh huaa rukhasat humse kuch is qadar,
Ki lautkar vaapas aana bhool gayaa...!!
- Article By. Dharm_Singh
1 टिप्पणियाँ
मैं पत्थर हूँ मेरे सिर
जवाब देंहटाएंये इल्ज़ाम आता है
आईना कहीं भी टूटे
मेरा ही नाम आता है...✍️✍️✍️