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Bekarar shayari...

Bekarar_shayari


बेक़रार दिल को मेरे क़रार ना मिला,
चाहत का कोई मेरी तलबगार ना मिला,
जुस्तजू में जिसकी गुजर गई ये ज़िन्दगी,
वो वफ़ाशेआ'र हमसफ़र यार ना मिला...!

Beqarar dil ko mere qarar naa mila,
Chahat kaa koi meri talabgar naa mila,
Justjoo mein jiski gujar gai yeh zindagi,
Woh wafasheaa'r humsafar yaar naa mila...!


  • बेक़रार - बेचैन, विकल, व्याकुल, अत्यंत उत्सुक
  • क़रार - आराम, ठहराव, चैन, स्थिरता, धीरज, तसल्ली, संतोष
  • तलबगार - प्राप्त करने की इच्छा करने वाला, माँगने वाला
  • जुस्तजू - तलाश, खोज, ढूंढना
  • वफ़ाशेआ'र - वफ़ा करने वाला

  • Article By. Dharm_Singh

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1 टिप्पणियाँ

  1. गुनेहगार बना दिया है तो; गुनाह भी बताकर जा
    दोष सिर्फ मेरा है तो महफ़िल से सर उठाकर जा

    गर मुझे तकलीफ में देखकर तुझे खुशी होती है
    आ और गली से मेरी; एक बार मुस्कुराकर जा

    कोशिश करुगा की भूल जाऊं उम्रभर के लिए
    तू अपनी हर याद मेरी जिंदगी से; मिटाकर जा

    तू बस कह दे की अब दिल भर सा गया है
    तुझसे बस गुजारिश इतनी है मेरी; आंख मत चुराकर जा

    मोहब्बत देखी थी जिन आंखों में हमने कभी
    अब नफरत देखनी है तू हमसे नजर मिलाकर जा

    फैसला कर लिया है जाने का तो बेशक चले जा
    बस मेरा नाम को खुद के नाम से; हटाकर जा...✍️✍️✍️

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