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4 line shayari sad...

4_line_shayari_sad


बेचैनियाँ बेक़रारियाँ बेताबियाँ सब कुछ पास लिये बैठे हैं हम,
आँखों में अश्क़ लबों पर ख़ामोशी दिल उदास लिये बैठे हैं हम,
हमको मालूम है कि अब ना आओगे तुम लौटकर वापस,
फ़िर भी तुम्हारे आने की इक झूठी आस लिये बैठे हैं हम...!!

Bechainiyan beqarariyan betabiyan sab kuch paas liye baithe hain hum,
Aankhon mein ashq labon par khamoshi dil udas liye baithe hain hum,
Humko maloom hai ki ab naa aaoge tum lautkar vaapas,
Fir bhi tumhare aane ki ik jhoothi aas liye baithe hain hum...!!


  • Article By. Dharm_Singh

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1 टिप्पणियाँ

  1. हर चेहरा एक चेहरे से उम्मीद लगा बैठा है...
    रहबर - रहगुजर - रहनुमा बनाए बैठा है...
    चेहरों के दरमियां भी अजीब मोहब्बत होती है...
    एक चेहरा जो एक चेहरे को खुदा बनाए बैठा है...

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