यूँ ही कब तक मेरी तकदीर में बल आएगेआज की बात पर कहते हो के कल आएंगे । पांव जब ज़ज़्ब - ए -मोहब्बत के निकल आएंगेवादी -ए-हुस्न-ओ - जवानी मैं खलल आएंगे। हौसला शर्त है हालात से मायूस न होरास्ते खुद ही चट्टानों से निकल आएंगे । करवटें लेता है जब दर्द- ए- मोहब्बत दिल सेकोई चुपके से ये कहता है संभल आएंगे। जब बहार आएगी फूलों पे शबाब आएगातज़्किरे मेरी तबाही के निकल आएंगे...!!
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यूँ ही कब तक मेरी तकदीर में बल आएगे
जवाब देंहटाएंआज की बात पर कहते हो के कल आएंगे ।
पांव जब ज़ज़्ब - ए -मोहब्बत के निकल आएंगे
वादी -ए-हुस्न-ओ - जवानी मैं खलल आएंगे।
हौसला शर्त है हालात से मायूस न हो
रास्ते खुद ही चट्टानों से निकल आएंगे ।
करवटें लेता है जब दर्द- ए- मोहब्बत दिल से
कोई चुपके से ये कहता है संभल आएंगे।
जब बहार आएगी फूलों पे शबाब आएगा
तज़्किरे मेरी तबाही के निकल आएंगे...!!