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Muskan shayari...

Muskan_shayari


फ़क़त चंद तस्वीरों में सिमट कर रह गई मुस्कान मेरे इस चेहरे की...,
कमबख़्त इस ज़िन्दगी ने तो मुझसे मेरा मुस्कुराने का हुनर ही छीन लिया !

Faqat chand tasviron mein simat kar rah gai muskan mere is chehare ki...,
Kambakht is zindagi ne toh mujhse mera muskurane ka hunar hee chheen liya!



  • Article By. Dharm_Singh

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