मुक़म्मल शब रोता रहा फ़लक और ख़बर ज़मीं को ना हुई,
वो हमीं को तबाह करते रहे और ख़बर हमीं को ना हुई !
Mukammal shab rota raha falak aur khabar zameen ko naa hui,
Woh humeen ko tabah karte rahe aur khabar humeen ko naa hui !
- मुक़म्मल - पूर्ण, संपूर्ण, समस्त, सारा
- शब् - रात, रात्री, निशा, रैन, रजनी
- फ़लक - आसमान, गगन, आकाश, अम्बर, व्योम
- तबाह - जो पूर्णत: बर्बाद हो गया हो, जिसका सर्वस्व लुट गया हो
- Article By. Dharm_Singh
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