मुझें कहाँ पता था मेरे यार, ये मर्ज़-ए-मोहब्बत क्या होता है,
मोहब्बत कि तो पता चला, आँखों से ज्यादा दिल रोता है...!!
Mujhen kahan pata tha mere yaar, yeh marz-e-mohabbat kya hota hai,
Mohabbat ki toh pata chala, aankhon se jyada dil rota hai...!!
- मर्ज़-ए-मोहब्बत - प्यार का रोग़, मोहब्बत की बीमारी
- Article By. Dharm_Singh
0 टिप्पणियाँ