कोई नहीं पढ़ पाया मुर्शद, मेरे पेशानी की सिकन,
हर शख्स मशगूल था, सजाने में अपने दिल की अंजुमन !
Koi nahin padh paaya murshad, mere peshani ki sikan,
Har shakhs mashgool tha, sajane mein apne dil ki anjuman !
- पेशानी - माथा, ललाट, मस्तक
- सिकन - सिलवट, सिकुड़न, झुरीं, बल
- मशगूल - व्यस्त, लगा हुआ, लीन, किसी काम में लगा हुआ
- अंजुमन - महफ़िल, जलसा, बज़्म, सभा
- Article By. Dharm_Singh
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