दर्द की तेरे इंतिहा कुछ कम हुई है, इसे बेहद ही कर जाओ,,,
आओ के फ़िर से मेरे दिल के हिस्से , कोई नई ज़द ही कर जाओ....!!
Dard ki tere intiha kuch kam hui hai, ise behad hee kar jaao,,,
Aao ke fir se mere dil ke hisse, koi nai zad hee kar jaao...!!
- इंतिहा - इंतहा, सीमा, बहुत ज्यादा, अत्यधिक, पराकाष्ठा
- बेहद - बहुत अधिक, अपार, असीम, जिसकी कोई सीमा न हो
- ज़द - चोट, आघात, मार, निशान, हानि, नुकसान
- Article By. Dharm_Singh
0 टिप्पणियाँ