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Rang shayari...

Rang_shayari

इतने रंग तो कायनात में भी नहीं हैं मेरे यार,
जितने मैंने उस बेवफ़ा की फ़ितरत में देखे हैं !

Itne rang toh kaaynat mein bhi nahin hain mere yaar,
Jitne maine us bewafa ki fitrat mein dekhe hain !


  • कायनात - संसार, जगत, दुनिया, ब्रह्मांड, विश्व
  • फ़ितरत - स्वभाव, प्रकृति, आदत, चालाकी, होशियारी

  • Article By. Dharm_Singh

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