इतने रंग तो कायनात में भी नहीं हैं मेरे यार,
जितने मैंने उस बेवफ़ा की फ़ितरत में देखे हैं !
Itne rang toh kaaynat mein bhi nahin hain mere yaar,
Jitne maine us bewafa ki fitrat mein dekhe hain !
- कायनात - संसार, जगत, दुनिया, ब्रह्मांड, विश्व
- फ़ितरत - स्वभाव, प्रकृति, आदत, चालाकी, होशियारी
- Article By. Dharm_Singh
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