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Rooh shayari...

Rooh_shayari


रूह से रूह का हमसे नाता जोड़ कर,
चला गया फ़िर वो हमें तन्हा छोड़ कर !

Rooh se rooh ka humse naata jod kar,
Chalaa gayaa fir voh humein tanha chhod kar !


  • रूह - आत्मा, अंत:करण, जान, जीवात्मा, प्राण
  • नाता - रिश्ता, संबंध, लगाव, घनिष्ठता
  • तन्हा - अकेला, एकाकी, बिना साथी के, जिसके संग कोई न हो

  • Article By. Dharm_Singh

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