कभी-कभी तमाशा-ए-ज़िन्दगी ऐसा भी होता है,
औरों को हँसाने वाला, खुद वीराने में रोता है !
Kabhi-kabhi tamasha-e-zindagi aisa bhi hota hai,
Auron ko hansane wala, khud virane mein rota hai !
- तमाशा-ए-ज़िन्दगी - ज़िन्दगी का तमाशा
- वीराना - उजाड़, सुनसान, तबाह-ओ-बर्बाद इलाका, एकांत
- Article By. Dharm_Singh
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