जो होता नग़मा तो वक़्त बेवक़्त गुनगुनाते हम,
ग़र होती दास्ताँ तो हर किसी को सुनाते हम,
तू पहली और आख़िरी मोहब्बत थी मेरी बेवफ़ा,
तुझसे दिल ना लगाते तो फ़िर कहाँ जाते हम !
Jo hota nagma toh waqt bewaqt gungunate hum,
Gar hoti dastaan toh har kisi ko sunaate hum,
Too pahli aur aakhiri mohabbat thi meri bewafa,
Tujhse dil naa lagaate toh fir kahan jaate hum !
- नग़मा - गाना, गीत, राग, तराना
- वक़्त-बेवक़्त - समय-कुसमय, किसी भी समय, कभी भी
- दास्ताँ - कहानी, कथा, वृत्तांत, हाल, अफ़साना, दास्तान
- Article By. Dharm_Singh
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