सुबहा लिखूँ या फ़िर तुझें शाम लिखूँ,
दिल पे मेरे मुक़म्मल तेरा नाम लिखूँ,
ग़र हो तुझें मेरी तन्हाई का अहसास,
तो बादे-सबा पे नाम तेरे पैग़ाम लिखूँ !
Subahaa likhoon yaa fir tujhen shaam likhoon,
Dil pe mere mukammal tera naam likhoon,
Gar ho tujhen meri tanhaai kaa ahsas,
Toh baade-sabaa pe naam tere paigam likhoon !
- मुक़म्मल - संपूर्ण, पूरा, समस्त, समग्र
- बादे-सबा - सुबह कि ठंडी हवा
- पैग़ाम - संदेश, समाचार, हाल
- Article By. Dharm_Singh
0 टिप्पणियाँ