सलीका किसी को मनाने का, प्यार मोहब्बत का भी बेकार नहीं,
पर लोग हैं कि, जुत और सबूत के बग़ैर मानने को तैयार नहीं !
Salika kisi ko manane ka, pyar mohabbat ka bhi bekar nahin,
Par log hain ki, jut aur saboot ke bagair manane ko taiyar nahin !
- सलीका - ढंग, शिष्टता, योग्यता, सभ्यता, तहज़ीब, हुनर
- Article By. Dharm_Singh
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