लौट आया हूँ मैं फ़िर से अपनी तन्हाईयों में...,
कमबख्त ये तमाशा-ए-मोहब्बत मुझको रास न आया !
Laut aaya hoon main fir se apni tanhaiyon mein...,
Kambakht yeh tamashaa-e-mohabbat mujhko raas na aaya !
- तमाशा-ए-मोहब्बत - मोहब्बत का खेल
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- Article By. Dharm_Singh
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