ये "मर्ज़-ए-मोहब्बत" मेरे यार कुछ ऐसा ही होता है...,
वरना यूँ रातों में उठकर कौन कमबख़्त किसको रोता है !
Yeh "marz-e-mohabbat" mere yaar kuch aisa hee hota hai...,
Varna yun raton mein uthkar kaun kambakht kisko rota hai !
- मर्ज़-ए-मोहब्बत - मोहब्बत का रोग, मोहब्बत का दुःख, प्यार की बिमारी
- Article By. Dharm_Singh
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