Advertisement

Sharabi shayari...

Sharabi_shayari

कोई तो ऐसी जगहा बता साक़ी, जहाँ उसकी यादों का कोई क़हर ना हो,
या फ़िर मुझें इतनी पिला, बाद पीने के मेरी कोई शाम-ओ-सहर ना हो !

Koi toh aisi jagahaa bata saqi, jahan uski yaadon ka koi qahar naa ho,
Yaa fir mujhen itni pila, baad pine ke meri koi shaam-o-sahar naa ho !



  • साक़ी - शराब पिलाने वाला व्यक्ति, शराब पिलाने वाली प्रेमिका
  • क़हर - संकट, आपत्ति, विपत्ति, प्रकोप
  • शाम-ओ-सहर - शाम और सुबहा

  • Article By. Dharm_Singh

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ