कोई तो ऐसी जगहा बता साक़ी, जहाँ उसकी यादों का कोई क़हर ना हो,
या फ़िर मुझें इतनी पिला, बाद पीने के मेरी कोई शाम-ओ-सहर ना हो !
Koi toh aisi jagahaa bata saqi, jahan uski yaadon ka koi qahar naa ho,
Yaa fir mujhen itni pila, baad pine ke meri koi shaam-o-sahar naa ho !
- साक़ी - शराब पिलाने वाला व्यक्ति, शराब पिलाने वाली प्रेमिका
- क़हर - संकट, आपत्ति, विपत्ति, प्रकोप
- शाम-ओ-सहर - शाम और सुबहा
- Article By. Dharm_Singh
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