पूँछकर वो मेरे घर का पता दरवाजे पर भी नहीं आया,
वक़्त-बेवक़्त आने वाला वक़्त के तक़ाज़े पर भी नहीं आया,
दम निकला मेरा जिस हरजाई की हसरत और चाहत में...,
वो मेरे आख़िरी दीदार को मेरे जनाज़े पर भी नहीं आया...!!
Poonchhkar voh mere ghar ka pata darwaje par bhi nahin aaya,
Waqt-bewaqt aane wala waqt ke taqaaze par bhi nahin aaya,
Dum nikla mera jis harjai ki hasrat aur chahat mein...,
Voh mere aakhiri deedar ko mere janaze par bhi nahin aaya...!!
- वक़्त-बेवक़्त - समय-कुसमय, कभी भी, कबहु, मौक़ा-बेमौक़ा
- तक़ाज़ा - तगादा, मांगना, इच्छा, पावना
- हरजाई - कुलटा, व्यभिचारिणी स्त्री, वेश्या, रंडी
- हसरत - कामना, वासना, लालसा, अभिलाषा, ख्वाहिश
- दीदार - दर्शन, साक्षात्कार, मुलाक़ात, देखना, दीद
- Article By. Dharm_Singh
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