"ए" मेरे दिल-ए-नादाँ, ना यूँ आह भर ना राह तक,
उसने फ़क़त राह ही नहीं, मंज़िल भी बदल ली है !
"Aye" mere dil-e-nadan, naa yun aah bhar naa raah tak,
Usane faqat raah hee nahin, manzil bhi badal lee hai !
- दिल-ए-नादाँ - नादान दिल, भोला दिल, मासूम दिल
- आह - पीड़ा में गहरी साँस लेने या कराहने का ध्वनि
- राह - रास्ता, मार्ग, पथ
- फ़क़त - केवल, सिर्फ़, बस इतना
- मंज़िल - मुकाम, पड़ाव, गंतव्य स्थान, ठहराव, ठिकाना
- Article By. Dharm_Singh
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