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Barbad shayari...

Barbad_shayari

दिल की बाज़ी हम हार कर आये हैं,
तमाम ख़्वाहिशों को मार कर आये हैं,
किया जिसने हमको मुक़म्मल बर्बाद...,
हम उसी की जीस्त संवार कर आये हैं !

Dil ki baazi hum haar kar aaye hain,
Tamaam khwahishon ko hum maar kar aaye hain,
Kiya jisane humko mukammal barbaad...,
Hum isi ki jist sanvaar kar aaye hain !


  • बाज़ी - दाँव बारी, शर्त, खेल, तमाशा, प्रतियोगिता, करतब
  • तमाम - समस्त, सम्पूर्ण, सब, समग्र, कुल, सारा, समाप्त, ख़त्म
  • मुक़म्मल - सम्पूर्ण, पूर्ण, पूरा
  • जीस्त - ज़िन्दगी, जीवन, आयु, हयात, उम्र, जीवन-काल

  • Article By. Dharm_Singh

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