मौसम-ए-बहार भी आयेगा, पहले पतझड़ जाने दो,
परिंदे की फ़ितरत देखनी है, तो उसे उड़ जाने दो !
Mausam-e-bahaar bhi aayega, pahle patjhad jaane do,
Parinde ki fitrat dekhani hai, toh use uda jaane do !
- मौसम-ए-बहार - बहार का मौसम
- पतझड़ - शिशिर ऋतु, वह ऋतु जिसमें सभी वृक्षों के पत्ते झड़ जाते हैं
- परिंदा - पक्षी, चिड़िया, पाखी, पारा, पारद
- फ़ितरत - स्वभाव, चालाकी, प्रकृति, आदत, होशियारी, शरारत
- Article By. Dharm_Singh
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