Advertisement

Parinda shayari...

Parinda_shayari


मौसम-ए-बहार भी आयेगा, पहले पतझड़ जाने दो,
परिंदे की फ़ितरत देखनी है, तो उसे उड़ जाने दो !

Mausam-e-bahaar bhi aayega, pahle patjhad jaane do,
Parinde ki fitrat dekhani hai, toh use uda jaane do !


  • मौसम-ए-बहार - बहार का मौसम
  • पतझड़ - शिशिर ऋतु, वह ऋतु जिसमें सभी वृक्षों के पत्ते झड़ जाते हैं
  • परिंदा - पक्षी, चिड़िया, पाखी, पारा, पारद
  • फ़ितरत - स्वभाव, चालाकी, प्रकृति, आदत, होशियारी, शरारत

  • Article By. Dharm_Singh

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ