जिसको अहसास तक ना हुआ कभी मेरे रोने का,
अब क्या फ़र्क पड़ेगा उसे मेरे होने या ना होने का !
Jisko ahasas tak naa huaa kabhi mere rone ka,
Ab kya fark padega use mere hone yaa naa hone ka !
- अहसास - अनुभूति, प्रतीति, संवेदन, ध्यान, ख़याल
- फ़र्क - फ़रक़, कमी, फ़ासला, समान न होने की अवस्था या भाव
- Article By. Dharm_Singh
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