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Takleef shayari...

Takleef_shayari


यहाँ हर किसी शख़्स को, फ़क़त अपनी तक़लीफ़ से तक़लीफ़ है,
ओर बड़े अहतराम से मिलते हैं वो लोग, जिनके चेहरे मुख़्तलिफ़ है !

Yahan har kisi shakhs ko, faqat apni taqleef se taqleef hai,
Or bade ahatram se milte hain voh log, jinke chehare mukhtleef hai !



  • फ़क़त - केवल, सिर्फ़, बस, बस इतना
  • तक़लीफ़ - दुःख, दर्द, कष्ट, पीड़ा, विपत्ति, संकट
  • अहतराम - आदर, सम्मान, इज्ज़त
  • मुख़्तलिफ़ - भिन्न, पृथक, अनेक प्रकार का, विभिन्न

  • Article By. Dharm_Singh

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