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Janaza shayari...

Janaza_shayari


मेरे अरमानों का जनाज़ा, कुछ इस क़दर निकला...,
जिसको हमदर्द समझा, वो ही दर्द-ए-जिगर निकला !

Mere armaanon ka janaza, kuch is qadar nikla...,
Jisko humdard samjhaa, voh hee dard-e-jigar nikla !



  • अरमान - इच्छा, कामना, लालसा, ख्वाहिश
  • जनाज़ा - ताबूत, अर्थी, लाश, शव यात्रा, मुर्दा
  • हमदर्द - दुःख में साथ देने वाला, दुःख का साथी
  • दर्द-ए-जिगर - दिल का दर्द, पीड़ा, सदमा, बे-चैनी

  • Article By. Dharm_Singh

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