हयात हमारी भी चैन से बसर हो जाती...,
मुक़म्मल जो हमसफ़र की कसर हो जाती !
Hayat humari bhi chain se basar ho jati...,
Mukammal jo humsafar ki kasar ho jati !
- हयात - ज़िन्दगी, जीवन, जीवन-काल, रूह, आत्मा, जान
- बसर - जीवन निर्वाह, गुज़ारा, जीवन-यापन, निबाहना, व्यतीत करना
- मुक़म्मल - पूर्ण, संपूर्ण, समाप्त, पूरा किया हुआ
- हमसफ़र - एक साथ जीवन गुज़ारने वाला, एक साथ यात्रा करने वाला
- कसर - कमी, न्यूनता, कोताही, अभाव
- Article By. Dharm_Singh
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