जीस्त-ए-दस्तो-गरेबाँ सुलझ ही जाएगी...,
बशर्ते सफ़र-ए-मुसाफ़िर मुक़म्मल हो जाये !
Jist-e-dasto-garebaan sulajh hi jayegi...,
Basharte safar-e-musafir mukammal ho jaye !
- जीस्त - ज़िन्दगी, जीवन, हयात, जीवनयापन
- दस्तो-गरेबाँ - उलझी हुई
- बशर्ते - शर्त यह है
- सफ़र-ए-मुसाफ़िर - मुसाफ़िर का सफ़र
- मुक़म्मल - संपूर्ण, समाप्त, पूरा
- Article By. Dharm_Singh
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