ज़िन्दगी तो फ़क़त उनके संग गुज़री थी, अब तो महज़ साँसें गुज़र रही है,
और उन्हें अब अहसास ही कहाँ, कि दिल पे मेरे क्या क़यामत गुज़र रही है !
Zindagi toh faqat unke sang guzari thi, ab toh mahaz sansen guzar rahi hai,
Aur unhen ab ahsas hee kahan, ki dil pe mere kya qayamat guzar rahi hain !
- फ़क़त - सिर्फ़, केवल, बस इतना ही
- महज़ - मात्र, निरा, केवल, सिर्फ़
- Article By. Dharm_Singh
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