चाहत ना रही बेवफ़ा मुझें अब कोई नूरे-सहर की,
ये रूह तलबगार है तो फ़क़त दो क़तरे ज़हर की !
Chahat naa rahi bewafa mujhen ab koi noore-sahar ki,
Yeh rooh talabgar hai toh faqat do qatare zahar ki !
- चाहत - चाह, इच्छा, कामना, अभिलाषा, पाने की इच्छा
- नूरे-सहर - सुबह की रौशनी
- तलबगार -इच्छुक, अभिलाषी, चाहने वाला, माँगने वाला
- फ़क़त - केवल, सिर्फ़, बस, बस इतना
- क़तरा - बूंद
- Article By. Dharm_Singh
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