मेरे अपनों ने दिये हैं मुझें ऐसे-ऐसे दर्द, कि हर दर्द पर बस मेरी आह निकली,
मैंने उस दर्द को अल्फ़ाज़ों में इस क़दर पिरोया, कि लोगों की वाह-वाह निकली...!
Mere apno ne diye hain mujhen aise-aise dard, ki har dard par bas meri aah nikli,
Maine us dard ko alfaazon mein is qadar piroya, ki logon ki waah-waah nikli...!
- Article By. Dharm_Singh
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