मोहब्बत का आशियाँ पल-भर में ऐसे उजड़ गया,
चुपके से किसी डाल से जैसे कोई परिंदा उड़ गया !
Mohabbat ka aashiyan pal-bhar mein aise ujad gaya,
Chupke se kisi daal se jaise koi parinda uda gaya !
- आशियाँ - घर, आशियाना, घोंसला, बसेरा, आश्रय
- परिंदा - पक्षी, चिड़िया, पाखी
- Article By. Dharm_Singh
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