कहीं आँधियाँ चल रही थी, तो कहीं थम के बदरा बरस रहे थे,
वो जब ग़ैरों संग गुलछर्रे उड़ा रहे थे, हम गुफ़्तगू को तरस रहे थे !
Kahin aandhiyan chal rahi thi, toh kahin tham ke badara baras rahe the,
woh jab gairon sang gulchhrre uda rahe the, hum guftgoo ko taras rahe the !
- बदरा - बादल, मेघ, घटा
- गुलछर्रे - भोग विलास, मौज-मस्ती, चैन, ऐश
- गुफ़्तगू - वार्तालाप, बातचीत
- Article By. Dharm_Singh
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