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Alfaaz shayari...

Alfaaz_shayari


वो करके गुनाह ख़ुद का ना कभी गिरेबाँ चाक समझेंगें,
और जो अल्फ़ाज़ों को ही ना समझे, वो जज्बातों को क्या ख़ाक समझेंगें !!

Woh karke gunaah khud ka naa kabhi girebaan chaak samjhengen,
Aur jo alfaazon ko hee naa samjhe, woh jazbaaton ko kya khaak samjhengen !!


  • गिरेबाँ चाक - फटा गिरेबान
  • जज़्बात - भावनाएँ, ख़यालात, विचार, अहसास
  • अल्फ़ाज़ - शब्द समूह, अर्थपूर्ण आवाजें, अनुवाद

  • Article By. Dharm_Singh

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