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Aaina shayari...

Aaina_shayari


ग़ैरों की अंजुमन में, हम खामखाँ ख़ुद को ख़ास समझ बैठे,
आईने में अक्स देखकर, महताब को अपने पास समझ बैठे !

Gairon ki anjuman mein, hum khamkhan khud ko khaas samjh baithe,
Aaine mein aks dekhkar, mahtab ko apne paas samjh baithe !



  • ग़ैर - अन्य, दूसरा, कोई और, पराया, बेगाना, अनजाना
  • अंजुमन - महफ़िल, सभा, गोष्ठी, कमेटी, समिति
  • खामखाँ - व्यर्थ ही, बिना कारण, बिना आवश्यकता के
  • ख़ास - विशेष, विशिष्ट
  • अक्स - परछाई, छाया, चित्र, प्रतिबिम्ब, तस्वीर, साया, कापी
  • महताब - चाँद, चन्द्रमा

  • Article By. Dharm_Singh

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