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Khatarnak shayari...

Khatarnak_shayari


शिकस्ता मेरे दिल ने पैहम यही सदा दी है,
उसने मुझे उल्फ़त के बदले कैसी सज़ा दी है !

Shiksta mere dil ne paihum yahi sada di hai,
Usne mujhe ulfat ke badle kaisi saza di hai !



  • शिकस्ता - टुटा हुआ, खंडित, शीर्ण, टुकड़ा, हिस्सा
  • पैहम - निरंतर, लगातार, बार-बार, ताबड़तोड़
  • सदा - आवाज़, ध्वनि, गूंज, नाद, पुकार
  • उल्फ़त - प्यार, इश्क़, मोहब्बत, प्रेम, चाहत, चाह
  • सज़ा - दंड, बदला

  • Article By. Dharm_Singh

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