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Gurur shayari...

Gurur_shayari


बड़ा ग़ुरूर था इक दरख़्त के पत्तो को, अपनी शान-औ-शौकत पर,
रुत बदली और हवा चली, तो पत्ते फड़फड़ाते नज़र आये चौखट पर !

Bada gurur tha ik darkht ke patto ko, apni shaan-o-shaukat par,
Rut badli aur hawaa chali, toh fadfadate nazar aaye chaukhat par !


  • ग़ुरूर - गुमान, गुमां, अभिमान, घमंड, अहंकार, भाव
  • दरख़्त - पेड़, वृक्ष, शजर, पादप, द्रुम
  • शान-औ-शौकत - ठाठ-बाठ, तड़क-भड़क, गौरव, बल, शक्ति, ताकत
  • रुत - ऋतु, मौसम
  • चौखट - दरवाज़ा, दहलीज़, दर

  • Article By. Dharm_Singh

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