Advertisement

Dushman ke liye shayari...

Dushman_ke_liye_shayari


ए ख़ुदा तू थोड़ा और इज़ाफ़ा कर मेरे रंज-औ-ग़म में...,
मेरे दुश्मनों के चेहरों पर ये उदासियाँ अच्छी नहीं लगती !

Aye khuda too thoda aur izafa kar mere ranj-o-gum mein...,
Mere dushmnon ke cheharon par yeh udasiyan achchhi nahin lagti !



  • इज़ाफ़ा - वृद्धि, बढ़ोतरी, उन्नति, तरक्की, बढ़त
  • रंज-औ-ग़म - मुसीबतें, कष्टसमूह, दुःख, पीड़ा

  • Article By. Dharm_Singh

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ