जाने किस की नज़र लगी मेरे उल्फ़त के आशियाने को,
कोई वज़ह ही ना रही आँसुओं के सिवा मुस्कुराने को !
Jaane kiski nazar lagi mere ulfat ke aashiyane ko,
Koi wazah hee naa rahi aansuon ke siva muskurane ko !
- उल्फ़त - प्यार, मोहब्बत, इश्क, चाहत, प्रेम
- आशियाना - बसेरा, घोंसला, सुन्दर घर, निवास स्थान, शौक़ से बनाया गया रहने का ठिकाना
- वज़ह - कारण, हेतु, सबब, माध्यम, ज़रिया
- सिवा - अलावा, अतिरिक्त, बग़ैर, अन्य, बिना, दूसरा
- Article By. Dharm_Singh
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