एक से ही नहीं तुम हज़ारों से पूँछो,
चाँद से ही नहीं तुम सितारों से पूँछो,
हसरत-ए-मोहब्बत का क्या है अंजाम,
जाकर आशिक़ों की मज़ारों से पूँछो..!
Ek se hee nahin tum hazaron se punchho,
Chand se hee nahin tum sitaron se punchho,
Hasrat-e-mohabbat kaa kya hai anjaam,
Jaakar aashiqon ki mazaron se punchho...!
- हसरत-ए-मोहब्बत - मोहब्बत की हसरत, प्यार की चाहत
- अंजाम - नतीजा, फल, परिणाम, समापन, समाप्ति, पूर्ण, आख़िर, अंतिम
- आशिक़ - प्रेमी, प्रेम करने वाला
- मज़ार - महापुरुष की कब्र, दरगाह, समाधि स्थल, मकबरा, स्मारक
- Article By. Dharm_Singh
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